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विदिशा

PM Awas Yojana : अधूरे पड़े हैं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान,किराए के मकान में रहने को मजबूर रहवासी

अधूरे आवास में बारिश के दौरान कैसे रहेंगे हितग्राही।

विदिशाJun 27, 2019 / 11:06 am

Bhupendra malviya

एक साल गुजरा, तीसरे चरण के हितग्राहियों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ

एक साल गुजरा, तीसरे चरण के हितग्राहियों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ

विदिशा। शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना PM Awas yojana के हितग्राही परेशान हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना PM Awas Yojana की पहली किस्त First installment मिलते ही वे पक्का घर बनने की उम्मीद में अपना घर तोड़ broke his House चुके लेकिन अब उनके आवास किस्तों installments में उलझ गए हैं। अधूरे प्रधानमंत्री आवासों Incomplete PM Awas Yojana के बीच बारिश rains शुरू होने से हितग्राहियों की नींद उड़ी हुई है। हितग्राहियों का कहना है कि घरों की दीवारें नहीं उठ पाई। छत नहीं डली ऐसे में घर में कैसे रह पाएंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना PM Awas Yojana के द्वारा बन रहें मकान अधूरे houses incomplete पड़े है।


स्पष्ट जबाव नहीं मिल रहा
नपा कार्यालय से उन्हें किस्त के संबंध में स्पष्ट जबाव नहीं मिल रहा इससे हितग्राहियों में आक्रोश बढ़ रहा है। शहर में ऐसे अधूरे आवासों की संख्या नगरपालिका द्वारा 1608 बताई जा रही है। नपा कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 से 2019 तक प्रधानमंत्री आवास के करीब 2 हजार 808 हितग्राही है। इनमें करीब 1 हजार 200 हितग्राहियों को आवास की पूरी किस्त दी जा चुकी। जबकि 1 हजार 608 हितग्राहियों की किस्तें अभी अधूरी है।

 

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खातों में डाली जा रही किस्तें
किस्तें पूरी नहीं मिल पाने से आवास भी अधूरे हैं। नगरपालिका कर्मचारियों के मुताबिक हितग्राहियों के दस्तोवेजों में कमी, कंप्यूटर संबंधी तकनीकी खामियों, चुनाव आचार संहिता व अन्य कारणों से किस्तों के वितरण में देरी हुई। बजट उपलब्ध है और यह किस्तें हितग्राहियों के खातों में डाली जा रही हैं।

 

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किराए से रहना पड़ रहा है
बसर दुर्जनपुरा में ऐसे कई हितग्राही घर की छत डलने का इंतजार कर रहे। गोपाल सिंह ने बताया कि डेढ़ वर्ष में एक लाख की एक ही किस्त मिली। मकान छत स्तर तक बन गया पर छत नहीं बन पाई। सात माह से किस्त का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें घर में पन्नी डालकर व जैसे तैसे व्यवस्था कर घर में रहना पड़ रहा।


11 माह से किस्त का इंतजार
वहीं कुवरलाल का मकान भी अधूरा है। पहली किस्त मिलते ही अपना कच्चा घर तोड़ दिया था, लेकिन दूसरी किस्त नहीं मिली और करीब एक वर्ष से किराए से रहना पड़ रहा। इसी तरह नन्हूलाल का परिवार 11 माह से किस्त का इंतजार कर रहा और उसे यहां किराए से रहना पड़ रहा। यहां गयाराम कुशवाह, ममता मोकमसिंह आदि सभी किस्तें नहीं मिलने से अपने अधूरे मकान को पूरा नहीं बना पा रहे।

 

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यहां सर्वाधिक आवास अधूरे
शहर में वार्ड-33 मे मिर्जापुर, आमवाली कॉलोनी, करैयाखेड़ा मार्ग आचार्य कॉलोनी क्षेत्र में करीब 80 आवास अधूरे हैं। करीब छह माह से यहां हितग्राहियों को दूसरी किस्तें नहीं मिली। इससे यह सभी भवन बिना छत के हैं। रहवासी पक्का मकान बनाने की उम्मीद में अपना कच्चा घर भी तोड़ बैठे और अब परेशान हो रहे हैं।


पार्षदों के लिए भी सिरदर्द बन रहे हैं
हितग्राहियों का कहना है कि न मकान पूरे बन पाए। न ही क्षेत्र में सड़कें नालियां बन पाई। ऐसे में बारिश में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पार्षदों में बढ़ रही नाराजी अधूरे आवास पार्षदों के लिए भी सिरदर्द बन रहे हैं। वार्ड-33 की पार्षद अरुणा मांझी का कहना है कि नगरपालिका में कोई सुनने वाला नहीं है। अध्यक्ष, सीएमओ सहित जिला प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा।

पार्षद नाराज दिखाई दिए
पार्षद अरुणा मांझी ने कहा कि हितग्राहियों को छह माह से किस्तें नहीं मिली। आवासों का काम व्यवस्थित नहीं चल रहा। उनका कहना रहा कि ऐसी नगरपालिकाएं जो आवास योजना के काम में सक्षम नहीं वहां इस तरह की योजनाएं लागू नहीं की जाना चाहिए। अन्य वार्ड के कुछ पार्षद भी आवास योजना का क्रियान्वयन ठीक से नहीं होने पर नाराज दिखाई दिए।

 

अधूरे भवनों की फाइल भोपाल में लंंबित है। वहां से स्वीकृति व फाइल आने के बाद इस तरह के सभी हितग्राहियों की किस्तों का भुगतान कर दिया जाएगा।
सुधीरसिंह, सीएमओ

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